मूल या मौलिक अधिकार, बहुत सारे लोग इस चीज के बारे में पढ़ते हैं और अगर आप यह आर्टिकल पढ़ रहे हैं तो आप ने भी मौलिक अधिकार के बारे में जानना चाहते होंगे। लेकिन यहां बात यह आती है कि हम इसके बारे में पढ़ते तो हैं पर यह हमें लंबे समय तक क्यों याद नहीं रहता है?
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यहां पर आपको मूल या मौलिक अधिकार के बारे में विस्तार जानकारी मिलेगी। इस आर्टिकल को इस तरह बनाया गया है कि आप इस इसे लंबे समय तक याद रखेंगे और आप दूसरों को भी इसके बारे में बताएंगे।
Table Of Contents
मौलिक अधिकार क्या है?
- यह जनता को संविधान द्वारा प्राप्त ऐसा अधिकार है जो उनके हितों का संरक्षण करता है अर्थात जिस चीज पर जनता का हक है, उस चीज की रक्षा संविधान करता है।
- भारतीय संविधान में इसका वर्णन भाग (3) और अनुच्छेद 12 से 35 के बीच किया गया है।
- इसे अमेरिका के संविधान से लिया गया है।
- मौलिक अधिकार या भाग (3) को मैग्नाकार्टा कहा जाता है।
- पहले हमें 7 अधिकार या मौलिक अधिकार दिए गए थे। लेकिन 44 में संविधान संशोधन 1970 के तहत संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटा दिया गया है।
- संपत्ति के अधिकार को अनुच्छेद 300 (a) के तहत कानूनी अधिकार बना दिया गया है।
- वर्तमान में हमें 6 मौलिक अधिकार प्राप्त हैं।
मैग्नाकार्टा क्या है?
मैग्नाकार्टा वास्तव में ब्रिटेन से आई एक अवधारणा है यह ब्रिटेन के राजसाहियो के द्वारा मजदूरों को कुछ अधिकार दिए गए थे। जिसे वे मैग्नाकार्टा कहते थे।
मौलिक अधिकार की सूची
- समता या समानता का अधिकार – अनुच्छेद 14 से 18 के बीच में आता है।
- स्वतंत्रता का अधिकार – अनुच्छेद 19 से 22 के बीच में आता है।
- शोषण के विरुद्ध अधिकार – अनुच्छेद 23 से 24 के बीच में आता है।
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार – अनुच्छेद 25 से 28 के बीच में आता है।
- संस्कृति एवं शिक्षा संबंधी अधिकार – अनुच्छेद 29 से 30 के बीच में आता है।
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार – अनुच्छेद 32 में में आता है।
1. समता या समानता का अधिकार
- इसका वर्णन अनुच्छेद 14 से 18 के बीच में किया गया है।
- इस अधिकार के तहत भारत के सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का प्रयास किया गया है।
- अनुच्छेद 14 – विधि के समक्ष समानता अर्थात कानून की नजरों में सभी समान हैं।
- अनुच्छेद 15 – जाति, धर्म, लिंग, जन्मस्थान आदि विभेद पर रोक अर्थात किसी के साथ उसके धर्म, जाति, लिंग, आदि के आधार पर आप उसके साथ भेदभाव नहीं कर सकते।
- अनुच्छेद 16 – लोक नियोजन में अवसर की समानता अर्थात सरकारी नौकरी में सभी को समान अवसर देना।
- अनुच्छेद 17 – अस्पृश्यता का अंत अर्थात छुआछूत का अंत।
- अनुच्छेद 18 – उपाधियों का अंत।
2. स्वतंत्रता का अधिकार
- इसका वर्णन अनुच्छेद 19 से 22 के बीच किया गया है।
- स्वतंत्रता का अधिकार वह अधिकार है जो भारतीय संविधान के द्वारा जनता को दिया गया है
- जिसके द्वारा लोग अपने व्यक्तित्व का विकास कर सके ताकि उसके विकास के माध्यम से देश का विकास हो सके।
- अनुच्छेद 19 – अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
- बोलने का अधिकार
- शांतिपूर्ण एक जगह पर बिना हथियार के एकत्रित होने का अधिकार
- सभा, समूह बनाने का अधिकार
- पूरे भारत में आवागमन का अधिकार
- पूरे भारत में निवास करने का अधिकार
- पूरे भारत में आजीविका (व्यापार) करने का अधिकार
- अनुच्छेद 20 – अपराध के दोष सिधि
- यदि कोई अपराधी है तो उसे उसी समय की सजा दी जाएगी जिस समय उसने अपराध किया था।
- अपराधी को बार-बार यह नहीं कहा जाएगा कि आप अपने विरुद्ध गवाही दो।
- एक अपराधी के लिए एक ही बार सजा दी जाएगी ऐसा नहीं होगा कि एक व्यक्ति को वापस एक ही सजा दी जाए।
- अनुच्छेद 21 – प्राण एवं दैहिक या जीवन का अधिकार
- अनुच्छेद 21 (a) – इसे 86वे संविधान संशोधन 2002 में द्वारा जोड़ा गया है।
- इसमें 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को अनिवार्य एवं निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है।
- अनुच्छेद 22 – गिरफ्तारी के संरक्षण
- यदि किसी व्यक्ति को पुलिस गिरफ्तार करती है, तो वह व्यक्ति अपनी गिरफ्तारी का कारण पूछ सकता है।
- गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटे के बाद कोर्ट में पेश करना होता है।
- गिरफ्तार व्यक्ति वकील को hire कर सकता है।
3. शोषण के विरुद्ध अधिकार
- इसका वर्णन अनुच्छेद 23 से 24 के बीच में किया गया है।
- अनुच्छेद 23 के तहत मानव व्यापार, बलात श्रम, बदुआ मजदूरी आदि पर रोक लगाई गई है।
- अनुच्छेद 24 के तहत 14 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों को मजदूरी करने से रोका गया है।
4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
- इसका वर्णन अनुच्छेद 25 से 28 के बीच किया गया है।
- अनुच्छेद 25 – किसी धर्म को मानना, उसका आचरण करना, उसका प्रचार आदि करने का अधिकार है।
- अनुच्छेद 26 – धार्मिक प्रबंधन करने का अधिकार है।
- अनुच्छेद 27 – संपोषित करने का अधिकार है।
- अनुच्छेद 28 – प्रत्येक व्यक्ति को यह अधिकार है कि वह धार्मिक शिक्षा में उपस्थित हो सकता है।
5. संस्कृति एवं शिक्षा संबंधी अधिकार
- इसका वर्णन अनुच्छेद 29 से 30 के बीच किया गया है।
- यह अधिकार केवल अल्पसंख्यकों को दिया गया है।
- अनुच्छेद 29 – अल्पसंख्यकों के संरक्षण का अधिकार।
- अनुच्छेद 30 – अल्पसंख्यकों का शिक्षा के संरक्षण का अधिकार।
6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार
- इसका वर्णन अनुच्छेद 30 में किया गया है।
- इस मौलिक अधिकार के तहत यदि कोई व्यक्ति हमारा अधिकार छीनने का प्रयास करता है, तो हम डायरेक्ट SC या HC में अपील कर सकते हैं।
- B.R.A ने इस अधिकार को संविधान की आत्मा कहा है।
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