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राज्यपाल-शक्तियां एवं कार्य,अनुच्छेद और शक्तियां

posted on August 21, 2020

नमस्कार दोस्तों! आज हम राज्य की कार्यपालिका के संबंध में जानकारी प्राप्त करेंगे‌। राज्य की कार्यपालिका में कौन कौन आते और इसकी क्या शक्तियां और कार्यो हैं। इस आर्टिकल में हम देखेंगे कि राज्य की कार्यपालिका में 4 अंग होते हैं- 1.राज्यपाल 2.मुख्यमंत्री 3.मंत्रीपरिषद 4.महाधिवक्ता।

तो मुख्यता इस आर्टिकल में हम राज्यपाल के बारे में जानकारी लेंगे। बाकी बचे हुए 3 अंगों के बारे में जानकारी आने वाले अगले आर्टिकल्स में लेंगे। जिसका लिंक इस आर्टिकल के अंत में होगा।

read also: [Hindi] What is NRC, फुल फॉर्म, डॉक्यूमेंट, एनआरसी बिल 2019 क्या है ?

राज्य की कार्यपालिका

राज्य की कार्यपालिका को 4 part में बांटा जा सकता है। इसमें मुख्यता 4 अंग देखने को मिलेंगे-

  1. राज्यपाल
  2. मुख्यमंत्री
  3. मंत्रीपरिषद
  4. महाधिवक्ता

राज्यपाल

  • जिस प्रकार से केंद्र में राष्ट्रपति होते हैं उसी प्रकार से राज्य में राज्यपाल होते हैं।
  • केंद्र में राष्ट्रपति जो संपूर्ण कार्यपालिका के हेड होते हैं। उसी प्रकार से राज्य में राज्यपाल नामक एक पद बनाया गया है जो राज्य की कार्यपालिका का हेड होता है।
  • तुलनात्मक दृष्टि से जिस प्रकार से केंद्र स्तर पर राष्ट्रपति कार्य करते हैं। उसी प्रकार से राज्य स्तर पर ये कार्य करते हैं।
  • ये राज्य की कार्यपालिका का हेड होता है।
  • But राज्य के वास्तविक हेड मुख्यमंत्री (chief minister) होते हैं।

अनुच्छेद

राज्यपाल के संबंध में अनुच्छेद (articles)-

  • अनुच्छेद 152 – राज्यपाल के पद का वर्णन।
    • पद के बारे में अनुच्छेद 152 बताया गया है कि राज्य में एक राज्यपाल नामक पद होगा।
  • अनुच्छेद 153 – एक राज्य में एक या एक से अधिक राज्यपाल का वर्णन।
    • एक राज्यपाल एक या एक से अधिक राज्यों के लिए भी नियुक्त किया जा सकता है।
  • अनुच्छेद 154 – राज्यपाल की शक्तियां और कार्य का वर्णन।
    • शक्तियां और कार्य के बारे में अनुच्छेद 154 में बताया गया है।
  • अनुच्छेद 155 -राज्यपाल की नियुक्ति का वर्णन।
    • इनकी नियुक्ति केंद्र सरकार या मंत्रीपरिषद की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • अनुच्छेद 156 – राज्यपाल का कार्यकाल का वर्णन।
    • साधारणतः इनका कार्यकाल 5 वर्ष तक रहता है।
    • लेकिन राष्ट्रपति की प्रसाद पर्यंत पद धारण करेगा अर्थात राष्ट्रपति की इच्छानुसार वे पद पर बने रहेंगे।
  • अनुच्छेद 157-158 – राज्यपाल के पद के लिए योग्यता का वर्णन।
    • वह भारत के नागरिक होने चाहिए।
    • उनकी आयु 35+ वर्ष होनी चाहिए।
    • सरकारी नौकरी में नहीं होने चाहिए।
    • संसद या विधान मंडल के सदस्य ना हो।
  • अनुच्छेद 159 – राज्यपाल की शपथ का वर्णन।
    • जब कोई व्यक्ति राज्यपाल बनने के बाद राज्य में जाता है तो उन्हें शपथ लेनी पड़ती हैं।
    • शपथ हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा राज्यपाल को दिलाई जाती है।
  • अनुच्छेद 161 – राज्यपाल को क्षमादान की शक्ति का वर्णन।
    • इनको क्षमादान की शक्ति प्राप्त है।
    • But क्षमा राज्य सूची के आधार पर दी जाएगी।
    • लेकिन मृत्युदंड की क्षमा नहीं दे सकते हैं।
  • अनुच्छेद 213 – राज्यपाल के अध्यादेश के द्वारा बनाए के कानून का वर्णन ।
    • जब अध्यादेश बन जाता है तो उसके बाद जब अगली विधान मंडल की बैठक बैठती है उस बैठक के छह सप्ताह के अंदर उसे पारित करना जरुरी होता है और यदि इसे पारित नहीं किया जाता है। तो इसे समाप्त मान लिया जाता है।
  • अनुच्छेद 333 – राज्यपाल के द्वारा 1 Anglo Indian का मनोनयन करने का वर्णन।

real also: विधानसभा- सदस्य, कार्यकाल और कार्य एवं शक्तियां

शक्तियां एवं कार्य

1. कार्यकारी शक्तियां-

  • नियुक्ति संबंधी शक्ति इनको प्राप्त है राज्य में ऐसे बहुत से पोस्ट हैं जिनकी नियुक्ति इनके द्वारा की जाती हैं
  • उदाहरण के लिए मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है और मुख्यमंत्री की सलाह पर मंत्रीपरिषद् की नियुक्ति की जाती है इससे अलावा राज्य वित्त अयोग, राज्य में लोक सेवा आयोग के मेंबर्स की नियुक्ति राज्यपाल करता है।
  • राज्य चुनाव आयुन्त, जिला जजो कि नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है। But हाई कोर्ट के जजो को राज्यपाल direct नियुक्त नहीं करते हैं लेकिन राज्यपालके सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा जजो कि नियुक्ति की जाती है।
  • अनुच्छेद 356 के तहत यदि राष्ट्रपति शासन राज्यों में लगाया जाता है तो उस समय राज्यपाल वास्तविक हैड बन जाता है। जहां पहले वह नॉर्मल कंडीशन में राज्य की कार्यपालिका का केवल एक नाम का हेड होता है
  • लेकिन जब अनुच्छेद 356 लगता है तो राज्य में मुख्यमंत्री, विधानमंडल सब काम करना बंद कर देते हैं और पूरा का पूरा पावर इनके पास चला जाता है। इस कंडीशन में वह एक वास्तविक हेड के रूप में राज्य का पुरा शासन संभालने लगता है।

2. विधायी शाक्ती

  • विधाय या बिल से जुड़े हुए पावर को विधायी शक्ति कहते हैं
  • बिल से जुड़े पावर में विधानमंडल का सत बुनना, शत को समाप्त करना, बैठक का आयोजन करवाना और उसमें बिल को पेश करवाना यह सब इनका कार्य हैं
  • इसके अलावा कोई भी बिल तब तक पारित नहीं होगा, जब तक उस पर राज्यपाल के सिग्नेचर नहीं होंगे
  • राज के विधान मंडल में दो सदन होते हैं पहला विधानसभा और दूसरा विधानपरिषद् हालांकि परिषद हर राज्य में नहीं होते हैं। विधानसभा में अनुछेद 333 के तहत एक anglu indian को चुनते हैं और जो विधान परिषद है उसमें 1/6 सदस्यों को मनोनयन राज्यपाल द्वारा किया जाता है।

read also: 2020 PM नरेंद्र मोदी की स्वतंत्रता दिवस की 10 महत्वपूर्ण बातें

3. वित्त शक्ति

  • पैसे से जुड़े हुए पावर को वित्त शक्ति कहते हैं।
  • इनकी अनुमति के बाद ही धन विधायक को विधानमंडल में पेश किया जाता है।
  • वार्षिक बजट को विधान मंडल में पेश करने से पहले भी इनकी अनुमति लेनी पड़ती है।
  • इसके साथ ही एक नीधि बनाई जाती है जो राज्य के साथ-साथ एंड में भी है इस निधि का नाम आकास्मिक नीधि है।
  • आकास्मिक नीधि को किसी आपातकालीन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है।

4. न्यायिक शक्ति

  • क्षमादान की शक्ति को अनुच्छेद 161 में दिया गया है। लेकिन इसमें कुछ कैटेरिया को जोड़े गए हैं- जैसे केवल राज्य सुची के आधार पर ही क्षमा दी जा सकती है लेकिन ये मृत्युदंड को क्षमा नहीं कर सकते हैं लेकिन काफी सजाओ को कम या क्षमादान करने की शक्ति इन महोदय को ही प्राप्त हे।
  • जिला स्तर के जजों की नियुक्ति ये महोदय ही करते हैं आदि।
राज्यपाल-शक्तियां एवं कार्य,अनुच्छेद और शक्तियां
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Filed Under: Constitution August 21, 2020 by Your Friend 6 Comments

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Reader Interactions

Comments

  1. Raj

    August 21, 2020 at 4:39 pm

    Bahut achha hai

    Reply

Trackbacks

  1. मुख्यमंत्री कैसे बने-शक्तियां एवं कार्य, वेतन और शपथ - YourFriend says:
    August 22, 2020 at 3:16 pm

    […] के बारे में जानेंगे। इसके पहले हमने राज्यपाल के बारे में जाना था जो राज्य की […]

    Reply
  2. मंत्री परिषद् - शक्तियां एवं कार्य - YourFriend says:
    August 22, 2020 at 3:33 pm

    […] के बारे में जानेंगे इससे पहले हमने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बारे में जाना था जो […]

    Reply
  3. कार्यपालिका Vs विधायिका Vs न्यायपालिका - YourFriend says:
    August 25, 2020 at 8:15 am

    […] read also: राज्यपाल-शक्तियां एवं कार्य,अनुच्छेद… […]

    Reply
  4. उच्च न्यायालय (HC)- नियुक्ति, योगिता, शपथ, कार्यकाल एवं शक्तियां| - YourFriend says:
    August 30, 2020 at 9:15 am

    […] read also: राज्यपाल-शक्तियां एवं कार्य,अनुच्छेद… […]

    Reply
  5. राज्यसभा - सभापति, संरचना, निर्वाचन, योग्यता - YourFriend says:
    September 14, 2020 at 11:47 am

    […] क्या महत्व है? इससे पहले हमने राज्य के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, और मंत्री परिषद के बारे […]

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