Blue flag certification या certificate kya hai? नमस्कार दोस्तों आज हम Blue flag certification के बारे में जानेंगे। जिसे हाल ही में भारत के आठ समुद्री तटों को दिया गया है। यह जानकारी आपको एक भारत के नागरिक होने और एक यूपीएस स्टूडेंट होने के नाते आपको बहुत मदद करेगी।
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ऐसा क्या आपको पता है कि भारत के 8 समुद्री तटों ने ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन प्राप्त किया है लेकिन भारत के वे कौन समुद्री तटों हैं जिनको यह ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट मिला है तथी किसके द्वारा दिया गया है और भारत ने यह उपलब्धि कितने दिनों में प्राप्त की है इन सभी चीजों के बारे में हम आगे बात करेंगे। उससे पहले हम इसके कुछ महत्वपूर्ण बिंदु को देख लेते हैं। read also: नीलामी का सिद्धांत
महत्वपूर्ण बिंदु
- भारत के 8 समुद्री तटों को Blue flag certification मिला है।
- यह निर्णय अंतर्राष्ट्रीय निर्णायक समिति द्वारा लिया गया है। आपको पता होगा की निर्णायक समिति में UNEP, UNWTO, FEE, एवं IUCN के प्रतिष्ठित सदस्य शामिल होते हैं।
- जिन आठ समुद्र तट को Blue flag certification मिला है वे 5 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेश या संघ राज्यों में फैला हुआ है।
- भारत पहले प्रयास में 8 समुद्री तटों के लिए ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन पाने वाला पहला देश बना है।
- साथ ही भारत दुनिया के 50 Blue Flag Tag पाने वाले देशों के साथ शामिल हुआ है।
- साथ ही मैं आपको एक और इंपॉर्टेंट बात यह बता दूं कि भारत एशिया प्रशांत क्षेत्र का पहला देश है जिसने केवल 2 साल के समय में यह उपलब्धि हासिल की है।
ऊपर जो महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं उनको आप जरूर ध्यान रखें यह आपको कई जगह काम आएंगे अब हम यह जान लेते हैं कि वे 8 समुद्री तट कौन से हैं जिनको Blue flag certification दिया गया है।
Blue flag certification वाले आठ समुद्र तटों के नाम-
- शिवराजपुर (द्वारका गुजरात)
- पादुबिर्दी (कर्नाटक)
- रुशिकोंडा (आंध्र प्रदेश)
- राधा नगर (अंडमान निकोबार दीप समूह)
- कासरकोड (कर्नाटक)
- कप्पड़ (केरल)
- गोल्डन (पुरी उड़ीसा)
- घोघला (दीव)
भारत ने सभी तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक पायलट समुद्री तट के विकास के लिए 2018 में अपनी एक प्रमुख योजना शुरू की थी। दिसंबर 2019 तक 13 पायलट समुद्री तटों को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन के लिए पहचाना गया था।
लेकिन पिछले माह सितंबर में 13 मे से 8 समुद्री तटों को ही ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन देने के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय द्वारा सिफारिश भेजी गई थी। अब केवल 8 समुद्री तटों को ही ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन मिला है।
Blue flag certification Kya Hai
यह एक इंटरनेशनल ईको लेबल (eco label) है, जो समद्र तटों, बंदरगाह एवं ‘सस्टेनेबल बोटिंग टूरिज्म ऑपरेटर’ को दिया जाता हैं। ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन पाने वाले समुद्र तट दुनिया के सबसे स्वच्छ समुद्र तट माने जाते हैं।
ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन पाने वाले समुद्र तटों पर पर्यटकों एवं वहाँ जाने वाले लोगों को स्वच्छ और साफ नहाने का पानी, स्वस्थ वातावरण आदि मिलता हैं। डेनमार्क की अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंटल एजुकेशन यानी (FEE) द्वारा यह सर्टिफिकेशन दिया जाता है ब्लू फ्लैग प्रोग्राम 1985 में फ्रांस में शुरू हुआ एवं 1987 से यह यूरोप में भी लागू होने लगा। स्पेन में सबसे ज्यादा समुद्र तटों को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन मिला हैं।
किस कंडीशन में ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन दिया जाता है
ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन 33 मापदंडों को पूरा करने पर ही दिया जाता है इन 13 मापदंडों को चार मुख्य बिंदु में बांटा गया है-
- Environmental Education and Information
- Bathing Water Quality
- Environment Management and Conservation
- Safety and Services in the beaches
कुछ महत्त्वपूर्ण मानदंड निम्नलिखित हैं –
- सुरक्षा
- प्रदूषण मुक्त
- नहाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाला पानी
- समुद्र तटों के प्रयोग करने वालों को एनवायरनमेंटल एजुकेशन
- आराम करने के लिए बेंच
- जिम आदि की व्यवस्था
अन्य महत्त्वपूर्ण बिंदु
भारत को तटीय क्षेत्रों में प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए किए गए सर्वोत्तम कार्यों के लिए अंतर्राष्ट्रीय निर्णायक समिति द्वारा तृतीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया हैं। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन के तहत आने वाला विंग SICOM यानी (Society of Integrated Coastal Management) ने भारत के तटीय क्षेत्रों में सतत विकास के लिए “BEAMS” यानी (Beach Environment – Aesthetics Management Service) फ्लैगशिप प्रोग्राम शुरू किया है।
यह फ्लैगशिप प्रोग्राम ICZM यानी (Integrated Coastal Zone Management) प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया गया है BEAMS का लक्ष्य ब्लू फ्लग साटाफकशन का प्राप्त करन 4 ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन को प्राप्त करने के लिए प्रयास करना है। ICZM का कॉन्सेप्ट 1992 में रियो डी जेनेरियो में पृथ्वी सम्मेलन के दौरान लाया गया था। ICZM प्रिंसिपल तटीय क्षेत्रों के सतत् विकास और प्रबंधन के लिए लाया गया है
BEAMS का उद्देश्य
- तटीय जल और समुद्र तटों पर प्रदूषण कम करना
- समुद्र तट की सुविधाओं एवं उनके सतत् विकास को बढ़ावा देना
- तटीय पारिस्थितिकी तंत्र और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण करना
- स्थानीय अधिकारियों और हितधारकों को स्वच्छता, स्वच्छता के उच्च मानकों को बनाए रखना और इसके लिए प्रोत्साहित करना
- तटीय पर्यावरण मानदंडों और नियमों के अनुसार समुद्र तट पर सुरक्षा उपलब्ध कराना।
- प्रकृति के साथ पूर्ण सामंजस्य में समुद्र तट पर्यटन और मनोरंजन को बढ़ावा देना
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